जम्मू में लगातार तीसरे दिन बारिश से हालात बद्तर होते जा रहे हैं. डोडा में बादल फटने की घटना से भी भारी तबाही हुई. इस प्राकृतिक आपदा के कारण 10 से ज्यादा मकान तबाह हो गए हैं, जिससे स्थानीय निवासियों के बीच दहशत का माहौल है. इसी के चलते वैष्णो देवी यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है.
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात स्थगित
बता दें कि डोडा जिले के थाथरी उप-मंडल में बादल फटने से भारी तबाही हुई. गनीमत ये है कि इस घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है, लेकिन प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है. वहीं, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात स्थगित कर दिया गया.
जम्मू की लगभग सभी नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर या उसके करीब बह रहे हैं, जिससे शहर और अन्य स्थानों पर कई निचले इलाके और सड़कें जलमग्न हो गई हैं. रामबन जिले के चंदरकोट, केला मोड़ और बैटरी चश्मा में पहाड़ियों से पत्थर गिरने के बाद आज सुबह एहतियात के तौर पर 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया.
बारहमासी राजमार्ग पर रोकी गई आवाजाही
देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले एकमात्र बारहमासी राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही जम्मू के उधमपुर और कश्मीर के काजीगुंड में रोक दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के स्तर को पार कर गया है और लगातार बढ़ रहा है, जिससे कठुआ जिले में रावी नदी के किनारे कई निचले इलाकों में भारी बाढ़ आ गई है.
कठुआ में तराना नदी, उज्ह नदी, मग्गर खाद, सहार खाद, रावी नदी और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर एक साथ बढ़ रहा है और खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है. तवी नदी उधमपुर जिले में 20 फुट खतरे के निशान को पार कर गई है, जबकि जम्मू में यह फिलहाल चेतावनी स्तर से नीचे बह रही है. चेनाब नदी भी जम्मू में चेतावनी स्तर के करीब बह रही है.
27 अगस्त तक के लिए अलर्ट
मौसम पूर्वानुमान में 27 अगस्त तक जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, राजौरी, रामबन, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होने तथा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की संभावना जताई गई है.
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