उत्तर प्रदेश पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती 2023 को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने भर्ती बोर्ड के सचिव को निर्देश दिया है कि वह याचिका दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों को उनकी लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों की जानकारी दे।
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न्यायमूर्ति अजित कुमार की एकलपीठ ने मोहित सिंह व 10 अन्य की ओर से दाखिल याचिका को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि याचीगण चार हफ्तों के भीतर आवेदन दें और सचिव नियमानुसार छह हफ्ते में उनके अंक बताएं।
क्या है पूरा मामला? 2023 में यूपी पुलिस में 60,422 कॉन्स्टेबल पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस भर्ती प्रक्रिया में करीब 45 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। लिखित परीक्षा के बाद 1,72,000 अभ्यर्थी पास घोषित हुए, लेकिन जब मेडिकल व शारीरिक दक्षता की सूची आई तो उसमें सिर्फ 1,27,000 का नाम था।
याचियों का आरोप है कि वे लिखित परीक्षा में सफल थे, इसके बावजूद मेडिकल टेस्ट के लिए नहीं बुलाया गया। साथ ही कहा गया कि भर्ती में 2017 की नियमावली को दरकिनार कर 2015 की नियमावली के अनुसार कार्यवाही की गई, जिससे कई योग्य अभ्यर्थी चयन से बाहर हो गए।
अभ्यर्थियों को अब तक नहीं मिले अंक
याचियों ने याचिका में यह भी कहा कि उन्हें अब तक उनके लिखित परीक्षा के अंक नहीं बताए गए, जबकि नियमावली के तहत यह जानकारी देना जरूरी है। इससे चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
सरकारी पक्ष की दलील और कोर्ट की टिप्पणी
सरकारी वकील ने दावा किया कि याचियों के अलावा किसी और अभ्यर्थी ने शिकायत नहीं की और सभी को अंक उपलब्ध कराए गए हैं। इस पर कोर्ट ने साफ कहा कि अगर याचियों ने शिकायत की है, तो उन्हें अंक देने ही होंगे। सिर्फ यह कहना कि बाकी ने शिकायत नहीं की, पर्याप्त नहीं है।
भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल इस मामले से एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि लिखित परीक्षा पास करने के बाद भी उन्हें आगे की प्रक्रिया से बाहर किया गया और उन्हें अंक तक नहीं बताए गए।