बारिश के बाद इंदौर के हालात ठीक उसी तरह से हो जाते हैं जैसे समुद्र के तूफान में फंसे टापू के हालात हो जाते हैं। चारों तरफ सड़कें पानी से लबालब हो जाती हैं और घंटों तक बिजली गुल रहती है। गुरुवार और शुक्रवार को हुई बारिश ने शहर की कई सड़कों को तालाब बना दिया। महू रोड और सुपर कॉरिडोर पर हालत बहुत खराब हो गई। महू पीथमपुर में तो चार से पांच घंटे तक जाम लगा रहा। पीथमपुर से आने वाले वाहनों को इंदौर आने में 3 घंटे का सफर तय करना पड़ा।
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इसके बाद सबसे खराब स्थिति सुपर कॉरिडोर पर देखने को मिली। गुरुवार को भी यहां करीब दो से ढाई फीट तक पानी भर गया था। इस दौरान वहां से गुजर रहे वाहन चालक परेशान होते रहे और जाम जैसी स्थिति भी बनी रही। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस जलभराव की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए, जिसके बाद मामला और गंभीर हो गया। जानकारी सामने आने पर प्राधिकरण सीईओ ने अधिकारियों को मौके पर भेजा। जांच में पता चला कि मेट्रो के काम से निकला मलबा ही इस समस्या की वजह बना। गुरुवार रात से शुक्रवार को शाम तक यह मलबा साफ किया जाता रहा।
बारिश में ध्वस्त हुआ नगर निगम का दावा
शहर में यह पहली बार नहीं है जब बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव हुआ हो। हर साल मानसून से पहले नगर निगम यह दावा करता है कि स्टार्म वॉटर लाइन, ड्रेनेज और चैम्बरों की सफाई कर दी गई है, लेकिन हकीकत इसके उलट सामने आती है। गुरुवार को एक घंटे से अधिक समय तक हुई तेज बारिश ने निगम की तैयारियों की पोल खोल दी। नतीजा यह रहा कि बीआरटीएस से लेकर अन्य प्रमुख मार्गों तक जलभराव की स्थिति बन गई। सुपर कॉरिडोर पर तो हालात इतने बिगड़े कि दुपहिया वाहन बंद हो गए और चार पहिया वाहन जैसे-तैसे निकल पाए।
सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ गांधी नगर मेट्रो स्टेशन क्षेत्र
जानकारी के अनुसार सबसे अधिक पानी गांधी नगर मेट्रो डिपो और स्टेशन क्षेत्र में भरा। यहां वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई और कई लोग फंस गए। बताया गया कि मेट्रो का काम चलने से यहां पर बड़ी मात्रा में मलबा निकाला गया, जिसे आसपास ही डंप कर दिया गया। यही मलबा जलभराव की मुख्य वजह बना। स्थानीय लोगों ने जब सोशल मीडिया पर फोटो-वीडियो डाले तो यह मुद्दा तेजी से फैल गया और प्राधिकरण तक बात पहुंची।
रातभर चली सफाई, मलबा हटाने में जुटी टीमें
प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार ने तुरंत इंजीनियरों को मौके पर भेजा और मेट्रो अधिकारियों से भी चर्चा की। इसके बाद मेट्रो कॉर्पोरेशन ने अपने कर्मचारियों को तैनात कर रात में ही सफाई शुरू करवाई। बड़ी मात्रा में मलबा हटाया गया और पानी की निकासी भी की गई। अधिकारियों का कहना है कि मलबे के कारण यह पहली बार हुआ कि सुपर कॉरिडोर पर इतना पानी भरा। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में लाई गई है, लेकिन लोगों का कहना है कि अगर समय रहते व्यवस्थाएं नहीं सुधारी गईं तो आने वाले दिनों में भी ऐसी परेशानी दोबारा खड़ी हो सकती है।