संक्षेप: विकसित देशों जैसे यूरोप और जापान का स्तर 15% है, जबकि सिंगापुर का 10% है। इसलिए भारत को 10 से 20 प्रतिशत के बीच रहना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारत को ऐसा कोई वादा नहीं करना चाहिए जिसे निभाना मुश्किल हो।
Raghuram Rajan on Trump Tariffs: भारत के पूर्व रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारत को अमेरिका के साथ चल रही ट्रेड डील में अपने टैरिफ स्तर को 10 से 20 प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत को जापान और यूरोपीय देशों की तरह ऐसी ‘कठोर और बोझिल प्रतिबद्धताएं’ नहीं करनी चाहिए जो देश की अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक दबाव डालें। राजन ने अमेरिकी थिंक टैंक DeKoder को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘अगर हम शून्य टैरिफ तक पहुंच सकें तो बहुत अच्छा होगा। लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे न रहें। पूर्वी और दक्षिण एशिया के कई देशों ने लगभग 19% के आसपास का समझौता किया है। विकसित देशों जैसे यूरोप और जापान का स्तर 15% है, जबकि सिंगापुर का 10% है। इसलिए भारत को 10 से 20 प्रतिशत के बीच रहना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारत को ऐसा कोई वादा नहीं करना चाहिए जिसे निभाना मुश्किल हो।
LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।
क्या है डिटेल
राजन ने कहा, ‘जापान और यूरो क्षेत्र के देशों ने भारी निवेश की प्रतिबद्धताएँ की हैं, जिनके बदले में उन्होंने अमेरिका को उस निवेश से होने वाले लाभ का बड़ा हिस्सा देने का वादा किया है। मुझे नहीं लगता कि वे इसे अपनी अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाए बिना पूरा कर पाएंगे।’ राजन ने यह भी चेताया कि कुछ देश यह सोचकर ऐसे वादे कर रहे हैं कि भविष्य में इन्हें पुनः वार्ता के जरिए बदला जा सकता है, लेकिन यह एक जोखिमभरी रणनीति है। उन्होंने कहा, ‘शायद कुछ देशों को लगता है कि वे मौजूदा अमेरिकी प्रशासन के कार्यकाल तक टिक जाएंगे और बाद में शर्तें बदल लेंगे। लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा करना समझदारी है। बेहतर सौदे के लिए इस तरह की जल्दबाजी में वादे करना खतरनाक है।’
भारतीय निर्यातकों के लिए ‘बड़ा खतरा’
पूर्व गवर्नर ने कहा कि बढ़ते टैरिफ उपाय भारतीय निर्यातकों, विशेषकर श्रम-प्रधान उद्योगों के लिए गंभीर चुनौती बन रहे हैं। उन्होंने खासतौर पर टेक्सटाइल उद्योग का ज़िक्र करते हुए कहा कि अमेरिका में आयात बाधाओं के कारण भारत के कई कपड़ा निर्यातक अपने ऑर्डर खो रहे हैं। राजन ने चेताया, ‘भारत के कुछ वस्त्र निर्माता अमेरिकी बड़े स्टोर और रिटेल चेन को सामान बेचते हैं। अगर यह व्यापार बाधित हुआ और वे दूसरी जगह से आपूर्ति शुरू कर दें, तो उस बाज़ार को दोबारा पाना बहुत कठिन होगा।’
‘भारत को जल्दी कदम उठाने होंगे’
राजन ने जोर देकर कहा कि भारत को अपनी स्थिति ग्लोबल सप्लाई चेन में बनाए रखने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यह अत्यंत आवश्यक है कि भारत अपने टैरिफ को शीघ्र घटाए, खासकर उन क्षेत्रों में जहां हमारे पास श्रम-प्रधान उद्योग हैं और जहाँ हमने अमेरिकी बाजार में थोड़ी बहुत बढ़त बनाई है।’
भारत के लिए संतुलन साधना मुश्किल
विशेषज्ञों का मानना है कि रघुराम राजन की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत अमेरिका के साथ कई व्यापारिक और निवेश समझौतों पर वार्ता कर रहा है। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने टैरिफ स्तर को घटाए ताकि अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में अधिक पहुंच मिले, जबकि भारत का ध्यान अपने स्थानीय उद्योगों की सुरक्षा पर है। राजन के बयान से स्पष्ट है कि भारत को प्रतिस्पर्धा और संरक्षण के बीच संतुलन बनाना होगा — न बहुत ऊंचा शुल्क, जिससे व्यापार महंगा हो जाए और न इतना कम कि घरेलू उद्योग दबाव में आ जाए।



