मध्यप्रदेश में बारिश के दो स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हैं। गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी कई जिलों में बारिश का दौर रहा। नर्मदापुरम, पिपरिया, इटारसी और पीथमपुर में दोपहर में बारिश हुई। नर्मदापुरम में तवा डैम के तीन गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है।
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इधर, महू में आगरा मुंबई फोरलेन पर ग्राम खंडवा के पास सड़क के दोनों और पानी भर गया है। इससे वहां 4 किलोमीटर लंबा लगा जाम। कई वाहन जाम में फंसे रहे। शुक्रवार को सिवनी और इंदौर में आधा इंच पानी गिर गया। वहीं, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, इटारसी-पिपरिया, धार के पीथमपुर, बैतूल, टीकमगढ़ में भी बारिश हुई।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया- मानसून टर्फ और लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) की वजह से गुरुवार को भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर बना रहा। ऐसा ही मौसम अगले 24 घंटे के दौरान भी देखने को मिलेगा। अगले 3 दिन तक प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी रहेगा।
खंडवा में बिजली गिरने से एक की मौत इससे पहले गुरुवार को खंडवा के खरखरी गांव में गणेश पंडाल पर बिजली गिर गई। इससे एक नाबालिग की मौत हो गई। बाकी तीन नाबालिग घायल हैं। ये सभी बारिश से बचने के लिए पंडाल में रुके थे।
आज की मौसम की तस्वीरें

नर्मदापुरम में तवा डैम के तीन गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है।

नर्मदापुरम में शुक्रवार दोपहर को 20 मिनट तक तेज बारिश हुई।

पिपरिया में शुक्रवार को रुक-रुक कर हल्की बारिश होती रही।

पीथमपुर में तेज बारिश हुई। सड़कों पर पानी भर गया।

भोपाल, इंदौर-रायसेन में सड़कें बनीं तालाब इससे पहले गुरुवार को तेज बारिश होने से भोपाल, इंदौर और रायसेन की सड़कें तालाब बन गईं। भोपाल के कई इलाकों में सड़कों पर एक से दो फीट तक पानी भर गया। पीएचक्यू के पीछे छोटा तालाब किनारे की सड़क पर पानी भरने से लंबा जाम लग गया। पुराने शहर में भी जलभराव जैसे हालात बने रहे।
रायसेन में पौने 2 इंच बारिश हो गई जबकि छिंदवाड़ा में सवा इंच पानी गिरा। गुना, इंदौर, शाजापुर, धार, उज्जैन, दमोह, खजुराहो, मंडला, उमरिया समेत कई जिलों में भी बारिश हुई।
मध्यप्रदेश में गुरुवार को हुई बारिश की तस्वीरें…

भोपाल में तेज बारिश होने से सड़कों पर दो फीट तक पानी भर गया।

उज्जैन में बारिश के चलते क्षिप्रा उफान पर रही।

रायसेन में करीब 40 मिनट बारिश हुई, जिससे सड़कों पर पानी भर गया।

धार के मनावर में मान डैम के दो गेट खोले गए।
गुना-मंडला में 53 इंच से ज्यादा पानी गिरा इस बार बारिश के मामले में गुना सबसे बेहतर है। यहां औसत 53.8 इंच पानी गिर चुका है। वहीं, मंडला में 53.3 इंच बारिश हुई है। अशोकनगर में 50.9 इंच, शिवपुरी में 50.1 इंच और श्योपुर में 50.2 इंच बारिश हुई है।
वहीं, सबसे कम बारिश वाले 5 जिलों में सभी इंदौर संभाग के हैं। इंदौर सबसे आखिरी में है। यहां अब तक औसत 17.8 इंच बारिश हुई है। बुरहानपुर में 20.1 इंच, खरगोन में 19.5 इंच, खंडवा में 20.9 इंच और बड़वानी में 20.5 इंच पानी गिरा है।
एमपी में अब तक 36.2 इंच बारिश प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 36.2 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 29.6 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 6.6 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है।
प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। इस हिसाब से कोटे की 90 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है। 0.8 इंच बारिश होते ही इस बार भी बारिश का कोटा फुल हो जाएगा। पिछली बार 44 इंच से ज्यादा पानी गिरा था।
एमपी में इतनी बारिश…



ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई।
इसके अलावा ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के 8 जिलों में से 7 में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना और श्योपुर शामिल हैं। दतिया में भी 96 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है।
अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम…


अब जानिए, एमपी के 5 बड़े शहरों में बारिश का रिकॉर्ड…
भोपाल में अगस्त 2006 में 35 इंच बारिश हुई थी भोपाल में अगस्त में मानसून जमकर बरसता है। इस महीने राजधानी में औसत साढ़े 35 इंच तक बारिश हो चुकी है, जो साल 2006 में हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश करीब 12 इंच, 14 अगस्त 2006 को हुई थी। पिछले सालों की बात करें तो 2015 और 2022 में 30 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।
भोपाल में इस महीने औसत 14 दिन बारिश होती है। इस दौरान 13 दिन तक पानी गिर जाता है।

इंदौर में 1944 में गिरा था 28 इंच पानी इंदौर में अगस्त महीने में औसत 28 इंच बारिश का रिकॉर्ड है, जो साल 1944 में दर्ज किया गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड 22 अगस्त 2020 को बना था। इस दिन साढ़े 10 इंच पानी गिरा था। पिछले 10 साल में दो बार 17 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
इंदौर में अगस्त महीने की औसत बारिश 10 से 11 इंच है। महीने में 12 से 13 दिन तक बारिश होती है।

ग्वालियर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड ग्वालियर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 10 अगस्त 1927 को बना था। सर्वाधिक मासिक बारिश वर्ष 1916 में 28 इंच हुई थी। इस महीने की औसत बारिश साढ़े 9 इंच है। एवरेज 12 दिन बारिश होती है।

जबलपुर में 102 साल पहले गिरा था 44 इंच पानी जबलपुर में एक महीने में 44 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। 102 साल पहले यानी, वर्ष 1923 में अगस्त महीने में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसी साल 20 अगस्त को 24 घंटे में ही 13 इंच बारिश हुई थी। यहां बादल फटने जैसी स्थिति बनी थी।
जबलपुर में इस महीने की औसत बारिश 18 इंच है। करीब 16 दिन तक पानी गिरता है। पिछले 10 साल की बात करें तो साल 2019 में यहां 30.61 इंच बारिश हुई थी।

उज्जैन में अगस्त में जमकर होती है बारिश उज्जैन में साल 2006 में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड बना था। इस साल अगस्त महीने में करीब 35 इंच बारिश हुई थी। इसी साल 24 घंटे में सर्वाधिक 12 इंच बारिश का रिकॉर्ड 10 अगस्त को बना था। उज्जैन में अगस्त की औसत बारिश 10 इंच है। 10 से 11 दिन यहां बारिश होती है।
