वाराणसी में शुक्रवार को बारिश ने कहर ढा दिया। सुबह से देर रात तक बारिश होती रही। इससे बीएचयू समेत तमाम स्थानों पर भारी जलजमाव हो गया। शनिवार और रविवार को भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसे देखते हुए प्रशासन ने शनिवार को आठवीं तक के स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
वाराणसी में शुक्रवार को बारिश ने पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। बीते 24 घंटे में हुई 140.8 मिमी बारिश ने 125 साल पुराना इतिहास बदल दिया, जब 9 अक्तूबर 1900 को 138.9 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। बीएचयू स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार यह इस सीजन की दूसरी सबसे भारी बारिश है। इससे पहले 23 अगस्त को 162 मिमी बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने चेताया है कि शनिवार और रविवार को भी मूसलधार बारिश के आसार बने हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने आठवीं तक के स्कूलों को शनिवार को बंद रखने का आदेश दिया है। भारी बारिश के बीच ही वाराणसी के लक्खा मेले में शुमार नाटी इमली का भरत मिलाप भी आयोजित हुआ। भींगते हुए ही यदुवंशियों ने 145 साल से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया।
शुक्रवार की सुबह आठ बजे से शुरू हुई हल्की बारिश के दस बजते-बजते तेजी पकड़ ली। इसके बाद कभी धीमे तो कभी तेज पानी गिरता ही रहा। दोपहर ढाई बजे के बाद से रात आठ बजे तक लगातार बारिश हुई। इससे शहर के निचले क्षेत्रों के साथ पॉश कालोनियों, बीएचयू अस्पताल और आवासीय परिसर में जलभराव हो गया। बीएचयू के सरसुंदर लाल अस्पताल में तो कमर तक पानी भर गया। शहर की कई गलियां और सड़कें लबालब हो गईं। जरूरी कामों से बाहर निकले लोगों में बस एक चर्चा थी कि इस बारिश के आगे सावन और भादौं दरकिनार हो गया है।
भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए जिला प्रशासन ने शनिवार को कक्षा 8 तक के सभी स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है। शनिवार को सभी कक्षाएं ऑनलाइन चलाई जाएंगी। बीएसए अनुराग श्रीवास्तव की तरफ से शुक्रवार की रात यह आदेश जारी किया गया। आदेश के मुताबिक जिले के सभी सरकारी, मान्यता प्राप्त, निजी, आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड में 1 से 8 तक की भौतिक कक्षाएं स्थगित रहेंगी। यह कक्षाएं ऑनलाइन मोड में चलाई जाएंगी। बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग का आदेश दिया है। कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
कई इलाकों में जलभराव, जल्दी बंद हुए बाजार
बारिश के कारण कई इलाकों की सड़कों और गलियों में जलभराव होने से बाजार जल्दी बंद हो गए। रवींद्रपुरी कॉलोनी के कई घरों पानी घुस गया जबकि सड़क पर लोग घंटों फंसे रहे। ट्रॉमा सेंटर के सामने, सामनेघाट मार्ग, भगवानपुर में स्थिति काफी खराब रही। रोहित नगर, साकेत नगर, ब्रह्मानंदनगर, कबीर नगर में सड़कें लबालब रहीं और चार पहिया वाहन जहां-तहां फंसे रहे। सुसुवाही, नासिरपुर, महामनापुरी, सुंदरपुर, चितईपुर, कंदवा और ककरमता में भी लोगों को फजीहत हुई। बनारस रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक मुख्य मार्ग पर भी जलभराव रहा।
गुरुबाग, रथयात्रा, नरिया, गोदौलिया, गिरजाघर, कमच्छा, औरंगाबाद, कालीमहाल, शेखसलीम फाटक, पान दरीबा, पितृकुंड और लल्लापुरा में भी घुटनों तक पानी लग गया। शेख सलीम फाटक से कालीमहल मार्ग के मोड़ पर कमर तक पानी लग गया, जिसके कारण पैडल रिक्शा चालकों ने आगे बढ़ने से इनकार कर दिया। पिपलानी कटरा, मैदागिन और दारानगर में घंटों जलभराव रहा। हुकुलगंज, खजुरी, पाण्डेयपुर, सारनाथ, शिवपुर, तरना में भी जलभराव से लोगों की मुश्किलें बढ़ीं। अंधरापुल, फातमान रोड, गुरुधाम चौराहा के आसपास जलभराव के कारण आवाजाही प्रभावित हुई। कई इलाकों में तो शाम सात बजे दुकानें बंद करके व्यापारी घर चले गए। कई पूजा पंडालों में पानी भरने से विसर्जन से पहले की औपचारिकताएं पूरी नहीं की जा सकीं।
सिद्धगिरीबाग में मुख्य मार्ग पर जर्जर भवन की दीवार गिरी
वाराणसी। भारी बारिश से शुक्रवार शाम को मुख्य मार्ग पर सिद्धगिरी बाग मोहल्ले में जर्जर मकान का बड़ा हिस्सा ढह गया। वर्षों से खाली पड़े इस मकान के गिरने से कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन मुख्य सड़क पर मलबा गिरने से आवाजाही प्रभावित हुई। अचानक मकान का हिस्सा गिरने से आसपास रहने वाले लोगों, दुकानदारों और राहगीरों में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पार्षद सिंधु सोनकर को दी। देर रात मौके पर नगर निगम की टीम पहुंची। भवन स्वामी को नगर निगम ने नोटिस जारी की है लेकिन अब तक इसे गिराया नहीं गया था। नगर निगम के सामान्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि देर रात मलबा हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।