भास्कर न्यूज | चित्तौड़गढ़ विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान गणेशजी की वंदना करने से परिवार में खुशहाली, सुख-शांति और समृद्धि आने की मान्यता रही है। पंडितों के अनुसार यह व्रत सभी प्रकार के संकटों को दूर करने वाला माना जाता है
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सभी चतुर्थी तिथियों में आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी अति विशेष मानी जाती है। ऐसी मान्यता है इस दिन भगवान गणेश की वंदना, पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नियम पूर्वक व्रत-वंदना करने वाले साधक के जीवन में कोई भी क्लेश नहीं रह जाता है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। बुद्धि और विवेक के देवता गणेश जी को समर्पित यह व्रत समस्त कष्टों को हरने वाला और धर्म, अर्थ, मोक्ष, विद्या, धन व आरोग्य प्रदान करने वाला माना गया है। शहर के गणेश मंदिरों में भी भक्त प्रसाद चढाएंगे। पंडितों के अनुसार विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का पूजन करने से मान सम्मान में बढ़ोतरी होती है। इसके लिए साधक को तिल का दान करना चाहिए।
आप यह दान किसी ब्राह्मण या फिर किसी ज़रूरत मंद व्यक्ति को कर सकते हैं। इससे गणपति जी की कृपा से आपको सफलता के साथ सम्मान की भी प्राप्ति होगी। यश और कीर्ति में बढ़ोतरी होगी। सभी चतुर्थी में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व माना गया है। मनोवांछित फल के लिए करें पूजन … प्रथम पूजनीय भगवान गणेशजी को विघ्नहर्ता की उपाधि- देवताओं ने संयुक्त रूप से दी है। गणेशजी अपने श्रद्धालुओं-साधका ें की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाले माने गए हैं।